सम्पूर्ण कामाख्या किट में आप निम्न वस्तुए प्राप्त करते हैं:
- कामाख्या सिन्दूर
- कामाख्या जल
- कामाख्या यन्त्र
- कामाख्या वस्त्र
- कामाख्या कड़ा
- व्यापार वृद्धि यन्त्र
- कामाख्या ताबीज़
- कामाख्या भस्म
आप निम्न वैदिक तरीके से कामाख्या किट का पूजन, स्थापन और धारण कर सकते हैं:
- सर्वप्रथम इन सभी पूजा वस्तुओ को अपने घर के मंदिर में सुरक्षित रख दें, और शुक्रवार से पूजन और प्रयोग करें।
- घर के मंदिर में भगवान शिव, माता पार्वती और देवी दुर्गा का चित्र अवश्य रखें, पूजा करने से पहले स्नान ध्यान कर ले इसके बाद
- घर के मंदिर के सामने लाल कपडा बिछाकर, गंगा जल से शुद्धि कर लें, फिर पांच घी के दिए जलाये और फिर सारी पूजन वस्तु कपडे पर रखें ।
- सभी वस्तुओ को सामने रखकर उस पर 9 बार अगरबत्ती दिखाये और मन में अपनी मनोकामना पूर्ण होने के लिए प्रार्थना करें ।
कामाख्या सिन्दूर
कामाख्या सिन्दूर को पीसकर इसमें गंगाजल मिलाकर माथे पर तिलक कर लें। तिलक कम से कम 5 शुक्रवार अवश्य करें।
कामाख्या जल
कामाख्या जल को अपने ऊपर 3 बार वार कर सिर पर फेर लें ।
कामाख्या यन्त्र
कामाख्या यन्त्र को मंदिर में स्थापित कर दें, और हर शुक्रवार को इसका पूजन अवश्य करें ।
कामाख्या वस्त्र
कामाख्या वस्त्र को आप अपने घर के मंदिर में स्थापित कर दें , इसके टुकड़े कर के ताबीज़ में भी धारण कर सकते हैं, या अपने पर्स में रख सकते हैं।
कामाख्या कड़ा
कामाख्या कड़ा को अपने दाहिने हाथ में धारण करें।
व्यापार वृद्धि यन्त्र
इस यन्त्र को घर के मंदिर में स्थापित कर दें, और हर सोमवार इसका पूजन करें।
कामाख्या ताबीज़
कामाख्या ताबीज़ को गले में धारण करें, या अपनी भुजाओं में बांध ले ।
कामाख्या भस्म
सोमवार के दिन कामाख्या भस्म निकाल कर माथे पर तिलक करें, 5 सोमवार तक।
जब कामाख्या देवी का पूजन करना हो तो निम्न मंत्र का जाप कर सकते हैं:
“कामाख्याये वरदे देवी नीलपावर्ता वासिनी | त्व देवी जगत माता योनिमुद्रे नमोस्तुते ||”